भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर्स का बूम: 2025 में EV रेवोल्यूशन का नया चेहरा

भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर्स 2025

भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर्स का बूम: 2025 का EV रेवोल्यूशन

भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर 2025 में बड़े बदलाव से गुजर रहा है। पेट्रोल‑डीज़ल की बढ़ती कीमतों और प्रदूषण की चुनौतियों के बीच इलेक्ट्रिक स्कूटर्स (EVs) अब सबसे पसंदीदा विकल्प बनते जा रहे हैं। दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर जैसे महानगरों के साथ‑साथ टियर‑2 शहरों में भी EV स्कूटर्स की मांग तेज़ी से बढ़ी है।

तेज़ ग्रोथ

  • 2024–25 में EV टू-व्हीलर की बिक्री में लगभग 35% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
  • Ola, Ather, TVS और Bajaj जैसी कंपनियों ने कई नए और एडवांस्ड मॉडल लॉन्च किए।
  • सरकारी सब्सिडी और FAME-II स्कीम ने आम उपभोक्ताओं के लिए EV स्कूटर्स को और किफायती बनाया।

लोग क्यों चुन रहे हैं EV स्कूटर्स

  • कम खर्चा: पेट्रोल स्कूटर की तुलना में लगभग 80% तक कम रनिंग कॉस्ट।
  • सस्टेनेबिलिटी: ज़ीरो टेलपाइप एमिशन, पर्यावरण के लिए बेहतर।
  • स्मार्ट टेक: IoT, GPS नेविगेशन और बैटरी स्वैपिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं।

मुख्य चुनौतियाँ

  • चार्जिंग स्टेशन का नेटवर्क अभी भी पर्याप्त नहीं है।
  • बैटरी लाइफ और रिप्लेसमेंट कॉस्ट को लेकर उपभोक्ताओं में चिंता बनी हुई है।
  • ग्रामीण इलाकों में EV अपनाने की रफ्तार अभी धीमी है।

भविष्य की राह

विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2030 तक भारत में बिकने वाले हर दूसरे टू-व्हीलर में से एक इलेक्ट्रिक होगा। सरकार ने EV पॉलिसी में 2030 तक 70% इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर का लक्ष्य तय किया है।

निष्कर्ष:
EV स्कूटर्स अब केवल ट्रेंड नहीं बल्कि भारत के ग्रीन फ्यूचर की दिशा में एक ठोस कदम हैं। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और बैटरी टेक्नोलॉजी में निरंतर सुधार से भारत अगले पांच वर्षों में दुनिया का सबसे बड़ा EV टू-व्हीलर बाजार बन सकता है।

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