2025 में कबड्डी सिर्फ भारत का पारंपरिक खेल नहीं रह गया—अब यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना मुकाम बना रहा है। Global Indian Pravasi Kabaddi League (GI‑PKL) ने इसे साबित कर दिया है।
GI-PKL: कबड्डी का ग्लोबल रूप
- 2025 में शुरू हुई GI‑PKL भारत की पहली फ्रेंचाइज़ी-आधारित अंतरराष्ट्रीय कबड्डी लीग है, जिसमें पुरुष और महिला दोनों टूर्नामेंट शामिल हैं।Wikipedia
- 12 फ्रेंचाइज़ी टीमों की घोषणा की गई; लीग का लक्ष्य कबड्डी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना और समावेशिता बढ़ाना रहा।Wikipedia
- दर्शकों की भागीदारी और मीडिया कवरेज ने इस लीग को भारतीय स्पोर्ट्स में एक ट्रेंड बना दिया।
कबड्डी की नई दिशा
- GI‑PKL ने पारंपरिक भारतीय कल्चर को इंटरनेशनल स्वरूप में प्लास्ट किया है।
- एसोसिएशन का लक्ष्य अगली दिशा में महिला खिलाड़ियों के लिए बराबर माना जाना है।Wikipedia
- टाइम्स स्क्वायर, न्यूयॉर्क में डिजिटल अभियान से लीग की वैश्विक दृश्यता भी बढ़ी।timesofindia.indiatimes.com+15Wikipedia+15reuters.com+15
यह सब क्यों मायने रखता है
विषय | विस्तार |
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नया स्पोर्टिंग आइकन | कबड्डी अब केवल घरेलू खेल नहीं, बल्कि एक ग्लोबल ब्रांड बन चुका है। |
इन्क्लूसिविटी बढ़ना | महिला और विदेशी खिलाड़ी इस मंच का हिस्सा बनकर खेल को और समावेशी बना रहे हैं। |
भारत की स्पोर्टिंग शक्ति | इस मॉडल ने पुलिस और अरबों viewership driven LIQUE को नया Gen‑Z रोल मॉडल दिखाया है। |
संक्षेप (Conclusion)
GI-PKL ने कबड्डी को भारतीय सीमाओं से निकालकर ग्लोबल लेवल पर स्थापित किया है। यह सिर्फ स्पोर्ट नहीं—भारत का आत्मविश्वास और सांस्कृतिक विस्तार है।