नासा (NASA) ने हाल ही में यह बयान दिया है कि उन्हें उम्मीद है कि इस दशक के अंत तक इंसान चाँद (Moon) पर रहना शुरू कर देंगे। यह घोषणा उनके Artemis Program का हिस्सा है, जिसके तहत वैज्ञानिक और इंजीनियर चाँद पर लंबे समय तक रहने और काम करने के लिए टेक्नोलॉजी विकसित कर रहे हैं।
1. क्यों चाँद पर रहना संभव हो सकता है?
- तकनीकी प्रगति:
- स्पेसक्राफ्ट और रॉकेट टेक्नोलॉजी (Space Launch System, Starship)
- उन्नत स्पेस सूट और चाँद के लिए मॉड्यूलर हाउस
- संसाधन खोज:
- चाँद के ध्रुवीय क्षेत्रों में बर्फ़ की मौजूदगी
- बर्फ़ से पानी और ऑक्सीजन बनाने की संभावना
- ऊर्जा:
- सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन
- न्यूक्लियर माइक्रो-रिएक्टर का उपयोग
2. नासा का Artemis Program
- Artemis I: बिना क्रू के टेस्ट मिशन (सफलतापूर्वक पूरा)
- Artemis II: 2025 में पहला मानवयुक्त चाँद की परिक्रमा मिशन
- Artemis III: 2026–27 में पहला मानव चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा
- दीर्घकालिक योजना: चाँद पर स्थायी रिसर्च स्टेशन और लिविंग मॉड्यूल बनाना
3. चाँद पर रहने की चुनौतियाँ
- रेडिएशन: चाँद पर कोई वातावरण नहीं, जिससे अंतरिक्षीय विकिरण का खतरा
- तापमान: दिन में +127°C और रात में ‑173°C का अंतर
- सप्लाई: पृथ्वी से जरूरी सामान भेजना महंगा और जटिल
- मानव स्वास्थ्य: कम गुरुत्वाकर्षण (1/6th of Earth) के कारण मांसपेशी और हड्डियों पर असर
4. इंसानों के लिए फायदे
- वैज्ञानिक शोध: चाँद को स्पेस रिसर्च का केंद्र बनाना
- मार्स मिशन की तैयारी: चाँद को “स्टेपिंग स्टोन” के रूप में इस्तेमाल करना
- नई टेक्नोलॉजी: स्पेस टेक्नोलॉजी का विकास, जिसका लाभ पृथ्वी पर भी मिलेगा
अगर नासा की योजनाएँ समय पर पूरी हुईं, तो 2030 तक इंसान चाँद पर स्थायी रूप से रहना शुरू कर सकते हैं। यह कदम न सिर्फ अंतरिक्ष खोज के इतिहास में एक मील का पत्थर होगा, बल्कि मानव सभ्यता के लिए एक नए युग की शुरुआत भी करेगा।