स्मार्टफोन, लैपटॉप और OTT के इस दौर में भारतीय यूज़र्स का औसतन 6–7 घंटे का स्क्रीन टाइम। क्यों ज़रूरी है “डिजिटल डिटॉक्स”?
डिजिटल डिटॉक्स क्या है?
- इसका मतलब है टेक्नोलॉजी और स्क्रीन से ब्रेक लेना।
- फायदे: बेहतर नींद, मानसिक शांति, रिश्तों में सुधार, आंखों और दिमाग को आराम।
भारत में स्क्रीन टाइम की स्थिति
- भारत में युवाओं का 80% से ज़्यादा समय मोबाइल पर (सोशल मीडिया, गेम्स, OTT)।
- बढ़ते तनाव और नींद की कमी का कारण।
स्क्रीन टाइम कम करने के तरीके
- Screen Time Tracker Apps (Digital Wellbeing, iOS Screen Time)।
- No-Phone Hours – सोने से 1 घंटा पहले और सुबह उठने के बाद 1 घंटा मोबाइल का इस्तेमाल न करें।
- Social Media Limit – Instagram, YouTube जैसी ऐप्स पर टाइम लिमिट सेट करें।
- Digital-Free Weekend / Day – हफ्ते में 1 दिन केवल ऑफलाइन गतिविधियां (किताब पढ़ना, टहलना, योगा)।
- Notifications बंद करें – ज़रूरी नोटिफिकेशन छोड़कर बाकी mute करें।
- Family / Friends Time – असली बातचीत को प्राथमिकता दें।
- Hobbies – पेंटिंग, म्यूज़िक, फिटनेस जैसी ऑफलाइन हॉबीज़ अपनाएं।
भारतीय कॉन्टेक्स्ट में ट्रेंड
- “डिजिटल डिटॉक्स रिट्रीट्स” भारत में (ऋषिकेश, हिमाचल, केरल जैसे स्थानों पर) तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
- IT प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स इसमें ज़्यादा रुचि ले रहे हैं।
- स्क्रीन टाइम पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन स्मार्ट कंट्रोल किया जा सकता है।
- डिजिटल डिटॉक्स = हेल्दी लाइफस्टाइल + मानसिक शांति।